A. यात्रा वृत
B. कहानी
C. रेखा चित्र ✅
D. आत्मकथा
A. गांधी बापू ✅
B. पंडित नेहरू
C. सरदार पटेल
D. सभी
3. शास्त्री जी ने किससे प्रभावित होकर अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी ?
A. महात्मा गांधी ✅
B. पंडित नेहरू
C. सरदार पटेल
D. लोकमान्य तिलक
4. शास्त्री जी के संबंध में किस की उक्ति सही जान पड़ती है ?
A. कुरान
B. भगवत गीता
C. बाइबिल ✅
D. रामायण
A. पंडित नेहरू
B. गांधीजी
C. डॉक्टर भगवान दास
D. सरदार पटेल ✅
6. शास्त्री जी ने अपनी शिक्षा किस विद्यापीठ से पूरी की ?
A. नागपुर
B. इलाहाबाद
C. गुजरात
D. काशी ✅
A. सन 1962
B. सन 1926 ✅
C. सन 1935
D. सन 1930
A. 10
B. 11
C. 17
D. 19 ✅
9. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह का आयोजन कब किया था ?
A. 19 सितंबर 1964
B. 19 दिसम्बर 1964 ✅
C. 29 सितंबर 1964
D. 29 दसम्बर 1964
प्रश्न 2 निम्नलिखित रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
प्रश्न 3 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
उत्तर : शास्त्री जी के लिए कर्म ही ईश्वर था इसके प्रति वे बिना किसी फल की आशा कीए है संपूर्ण भाव से समर्पित रहते थे। जब भी उन्हें अपने कर्म का फल पाने के अवसर मिले उन्होंने उस और हमेशा उपेक्षित दृष्टि ही रखी। फल पाने के लालच से उन्होंने कभी कोई काम नहीं किया उनके इस स्वभाव को देखते हुए उन्हें निष्काम कर्मयोगी कहना अधिक उचित है।
2. शास्त्री जी के संपूर्ण चरित्र तथा जीवन दर्शन में कौन सी तीन बातें दिखाई पड़ती है
उत्तर : अपने उद्देश्य के प्रति दृढ़ आस्था, उस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए कर्म का भाव, तथा उस कर्म के प्रति संपूर्ण समर्पण यह तीन बातें शास्त्री जी के संपूर्ण चरित्र कथा जीवन दर्शन में दिखाई पड़ती है।
3. शास्त्री जी के अनुसार किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए क्या आवश्यक है
उत्तर : शास्त्री जी के अनुसार किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए समर्पित भाव से कर्म करना जरूरी है कर्म के प्रति मन में भक्ति होनी चाहिए
4. आजादी की लड़ाई में शास्त्रीजी की जेल यात्रा के विषय में लिखिए ।
उत्तर : शास्त्रीजी ने सन् 1930 में ‘ नमक कानून तोडो आंदोलन ‘ में भाग लिया और उन्हें जेल जाना पड़ा । यहाँ से उनकी जेलयात्रा शुरु हुई जो सन् 1942 में ‘ भारत ही छोड़ो आंदोलन ‘ तक चलती रही । 12 वर्ष दौरान वह सात बार जेल गए । दूसरी जेल यात्रा सर 1932 में ‘ किसान आंदोलन ‘ के दौरान 3 साल की हुई । ये उनके जीवन की सबसे बड़ी जेल यात्रा थी ।
उत्तर : लालबहादुर शास्त्री का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था और उसी में उनकी परवरिश हुई । प्रधानमंत्री जैसे महत्त्वपूर्ण र पर पहुंचने के बाद भी वे सामान्य ही बने रहे । विनम्रता , सादगी , सरलता उनके व्यक्तित्व के अभिन्न अंग थे । ये सभी जाधीजी के थे , जो शास्त्रीजी में स्वयं आ गए थे । इस प्रकार लालबहादुर शास्त्री पर गाधीजी के आदशों का गहरा प्रभाव पड़ा।
6. शास्त्रीजी देश की छोटी – छोटी समस्याओं और उनके निराकरण से किस तरह परिचित हुए थे ?
उत्तर : शास्त्रीजी के पास ग्रामीण जीवन का अनुभव था । वे ६ वर्षों तक इलाहाबाद की नगरपालिका से किसी – ने – किसी रूप में जुड़े रहे । इस अनुभव ने उन्हें नागरिकों की समस्याओं से निकट से परिचित कराया । इलाहाबाद नगरपालिका ने जनसेवा का अनुभव भी जोड़ दीया था । लोकतंत्र की इस आधारभूत इकाई में कार्य करने के कारण वे देश की छोटी – छोटी समस्याओं और उनके निराकरण की व्यवहारिक प्रक्रिया से परिचित हो गए थे ।
7. शास्त्रीजी के संसदीय जीवन की शुरुआत कैसे हुई ?
8. लालबहादुर शास्त्रीजी प्रधानमंत्री के पद तक कैसे पहुँचे ?
उत्तर : शास्त्रीजी बिना फल की अपेक्षा किए निरंतर कर्म में लगे रहनेवाले कर्मयोगी थे । कार्य के प्रति निष्ठा और मेहनत करने को अदम्य क्षमता जैसी विशेषता के कारण वे एक सामान्य परिवार से ऊपर उठकर देश के प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचे थे ।
9. किसने शास्त्रीजी को अपना राजकीय गुरु माना था ?
उत्तर : आज़ादी के बाद शास्त्रीजी ने उत्तर प्रदेश में गृहमंत्री , केन्द्र में रेल और परिवहन , संचार , वाणिज्य , उद्योग और गृहमंत्रालय जैसे मंत्रालयों में मंत्री पद संभाला ।
11. शास्त्रीजी की क्या धारणा थी ?
उत्तर : शास्त्रीजी की यह धारणा थी कि वे जनता के शासक नहीं , बल्कि जनता के सेवक है ।
12. शास्त्रीजी की लोकप्रियता का कारण क्या था ?
उत्तर : शास्त्रीजी हमेशा आत्मसंयम से काम लेते थे और अधिकारों की अपेक्षा कर्तव्यों को अधिक महत्त्व देते थे- यहीं उनकी लोकप्रियता का कारण था । 45.
13. छात्रों के दीक्षांत समारोह में शास्त्रीजी ने कौन – से विचार व्यक्त किए ?
उत्तर : छात्रों के दीक्षांत समारोह में शास्त्रीजी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि – ‘ आपके भविष्य की मंजिल चाहे जो कुछ हो , आप में से प्रत्येक को यह सोचना चाहिए कि आप सबसे पहले देश के नागरिक हैं । यह आपको संविधान द्वारा प्रदत्त कुछ अधिकार देता है , लेकिन इससे कुछ कर्तव्यों का भी बोझ आता है , जिसे समझना चाहिए । हमारा देश प्रजातांत्रिक है , जो निजीस्वतंत्रता देता है , लेकिन इस स्वतंत्रता का उपयोग एक व्यवस्थित समाज के हित में स्वेच्छा से लगाए गए प्रतिबंधों के तहत होना चाहिए।
उत्तर : शास्त्री जी का संपूर्ण जीवन कर्ममय था । वे भाग्य पर भरोसा करके बैठे रहनेवाले व्यक्तियों में से नहीं थे । उन्हें अपने चितन और कर्म को शक्ति पर अधिक भरोसा होता था । वे क्रमशः अपने जीवन का रास्ता बनाते हुए आगे बढ़ते रहे । वे कर्म को ही ईयर मानते थे । उसके प्रति वे नि : स्वार्थ भाव से समर्पित थे । जीवनभर निष्काम कर्म में लगे रहने के कारण उनके नाम के साथ ‘ कर्मयोगी ‘ विशेषण लगाना उचित है ।
15. पाठ में वर्णित शास्त्रीजी की विशेषता लिखिए ।
16. निम्नलिखित परिच्छेद का मातृभाषा में अनुवाद लिखिए :
कोलकाता में हमारा घर एक शांत जगह पर है । हमारे बगीचे की दीवार के उस तरफ एक संकरी सड़क है । यह संकरी सड़क वन प्रांत पर जाकर खत्म होती है । इस सड़क के दोनों ओर मकान हैं और अधिक यातायात होने से यह बहुत ही शांत रहती है । सारे दिन इसके आसपास गिलहरियाँ एक-दूसरे का पीछा करती हैं । हमारे आसपास के पेड़ों पर अनेक प्रकार के पक्षी दिखाई पड़ते हैं । सारा दिन हवा में पक्षियों का संगीत तैरता रहता है ।
उत्तर : કોલકાતામાં અમારું ઘર એક શાંત જગ્યા પર છે . અમારા બગીચાની દીવાલની પેલી બાજુ એક સાંકડી સડક છે . આ સાંકડી સા વન પ્રાંત પર જઈને પૂરી થાય છે . આ સડકની બંને બાજુ મકાનો છે અને વધારે અવર – જવર થતી ન હોવાથી અહીં ખૂબ જ શ શાંતિ હોય છે . આખો દિવસ તેની આજુબાજુ ખિસકોલીઓ એકબીજા પાછળ દોડાદોડ કરે છે . અમારી આજુબાજુનાં ઝાડ પર અનેક પ્રકારનાં પંખીઓ દેખાય છે . આખો દિવસ હવામાં પક્ષીઓનું સંગીત રેલાય છે .
17. परिच्छेद में रेखांकित शब्दों के अर्थ शब्दकोश में से ढूंढकर उन्हें शब्दकोश के क्रम में अपनी नोटबुक में लिखिए :
विद्यार्थी जीवन को मानव जीवन की रीढ़ की हड्डी कहें तो कोई अतिशयोक्ति न होगी । विद्यार्थी काल में मानव में जो संस्कार पड़ जाते हैं , जीवन भर वही संस्कार अमिट रहते हैं । इसीलिए यही काल आधारशिला कहा गया है । यदि यह नींव दृढ़ बन जाती है तो जीवन सुदृढ़ और सुखी बन जाता है । यदि इस काल में बालक कष्ट सहन कर लेता है तो उसे ज्ञान मिलता है , उसका मानसिक विकास होता है , जिस वृक्ष को प्रारंभ से सुंदर सिंचन और खाद मिल जाती है , वह पुष्पित एवं पल्लवित होकर संसार को सौरभ देने लगता है । इस प्रकार विद्यार्थी काल में जो बालक श्रम , अनुशासन , संयम एवं नियमन के साँचे में ढल जाता है , वह आदर्श विद्यार्थी बनकर सभ्य नागरिक बन जाता है ।
18. इस इकाई से हम लालबहादुरजी के जीवन में से कौन – कौन – से सद्गुण ग्रहण कर सकते हैं ?
उत्तर : शास्त्रीजी के जीवन से हम अनेक सद्गुण ग्रहण कर सकते हैं , जैसे कि हमें निष्काम भाव से अपना कर्तव्य करते रहना चाहिए । हमारे उद्देश्य के प्रति दृढ़ आस्था हो , उसके प्रति हमारा संपूर्ण आत्मसमर्पण होना चाहिए । जीवन में श्रम , सेवा , सादगी , विनम्रत और सरलता अवश्य हो । हमारी वृत्ति हमारे देश को लाभ पहुंचाने वाली हो ।
व्याकरण
1. बिना फल की अपेक्षा
2. भीतर रहा हुआ
3. विश्व विद्यालयों का प्रमाणपत्र देने का उत्सव
4. जड़ मूल से नष्ट करना
( 1 ) समर्पण = ……………
( 2 ) समन्वय = ……………
( 3 ) आस्था = ……………
( 5 ) दक्षता = ……………
( 6 ) तरजीह =……………
3. विरोधी शब्द लिखिए
( 1 ) सफलता x ……………
( 2 ) सामान्य x ……………
( 4 )देश x ……………
( 5 ) जीवन x ……………
( 6 ) प्रारंभ x ……………
( 7 ) आज़ादी x ……………
( 9 ) निर्वाचित x ……………
( 10 ) सेवक x ……………
उत्तर : मेरे प्रिय नेता श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी है। उसका जन्म 17 दिसंबर 1950 को गुजरात के वड़नगर मेहसाणा जिले में हुआ । उनके पिताजी का नाम दामोदर दास तथा माता जी का नाम हीरा बहन है। नरेंद्र मोदी को बचपन से पढ़ने का बहुत शौक था और वह बहुत ही अच्छे वक्ता थे ।
श्री नरेंद्र मोदी सन 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री बने और उसके बाद वह कभी नहीं हारे। गुजरात में उन्होंने जिस प्रकार से निक विकास किया वह पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है ।2014 में भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा का चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ा तथा भारतीय जनता पार्टी को भारी बहुमत मिला और नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनाया गया। 26 मई 2014 को श्री नरेंद्र मोदी भारत के 15 प्रधानमंत्री बने।
श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी सरकार की योजनाएं है प्रधानमंत्री जनधन योजना, स्वच्छ भारत अभियान, प्रधानमंत्री उज्जवल योजना, कृषि सिंचाई योजना इत्यादि बहुत सी योजनाओं को कार्यान्वित किया गया है। श्री नरेंद्र मोदी में निर्णय लेने की लाजवाब क्षमता है। जैसे कि नोटबंदी जीएसटी लागू करना और सर्जिकल स्ट्राइक इन में से मुख्य रूप से शामिल है।
श्री नरेंद्र मोदी केवल 6 घंटे सोते हैं और बाकी घंटों में राष्ट्र के लिए दिन ,रात काम कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि मोदी जी इंसान को ऊंचाइयों के शिखर की ओर ले जाएंग ।