1. ‘माजवजी फौज़दार’ साहित्य प्रकार बताइए ।
उत्तर : एकांकी
उत्तर : भवानी का
उत्तर : शिवाजी की हत्या करने के लिए माजवली तत्पर था ।4. शिवाजी ने बालक से पूछा, ‘‘मुझे मार कर क्या………………के मालिक बनना चाहते थे ?’’
उत्तर : मराठा साम्राज्य
5. अपनी हत्या के बारे में शिवाजी ने कौन-कौन सी शंकाएँ व्यक्त की ?
उत्तर : अपनी हत्या के बारे में शिवाजी ने निम्न शकाएँ व्यक्त की : ‘‘ क्या वह उन्हें मारकर मराठा साम्राज्य का मालिक बनना चाहता था ? क्या उन्होंने उसे कभी हानि पहूँचाने की कोशिश की थी ? क्या उन्होंने कभी राष्ट्र की प्रतिष्ठा पर धब्बा लगाया था ? ’’
6. मालवजी के पिता को मरे कितने वर्ष हुए थे ?
उत्तर : दो
7. मालवजी के पिता की मृत्यु कैसे हुई थी ?
उत्तर : मालवजी के पिता शिवाजी की सेना में सिपाही थे । उन्हों ने देशकी रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे ।
8. मालवजी और उसकी माता को पेट-भर अन्न मिलना…………हो गया था ।
उत्तर : दूभर
9. मनुष्य………………सहन नहीं कर सकता ।
उत्तर : पेट की भूख
10. मालवजी शिवाजी का वध करने के लिए क्यों तैयार हो गया ?
उत्तर : मालवजी के पिता सिपाही थे । उन्हों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण दे दिए थे । उनकी मृत्यु हुए दो वर्ष हो गए थे । तब से मालवजी और उसकी माँ किसी तरह अपना गुजारा कर रहे थे । परंतु पिछले तीन महीनों से भरपेट अन्न मिलना दूभर हो गया था । मालवजी इसी विचार में बैठा था कि ए सैनिक ने आकर उससे कहा कि तुम शिवाजी का वध कर दो, तो मैं तुम्हें धन दूँगा । इसी लालच में पड़कर मालवजी शिवाजी का वध करने के लिए तैयार हो गया ।
11. मालवजी शिवाजी का वध करने के कौन-से दो कारण बताता है ?
उत्तर : मालवजी शिवाजी का वध करने का पहला कारण बताता है कि युद्ध में उसके पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने उसके परिवार के भरण पोषण की चिंता नहीं की । दूसरा कारण यह था कि पिछले तीन महीनों से धन के अभाव में वह और उसकी माँ भूखे मर रहे थे । तभी एक सैनिक ने उसे शिवाजी की हत्या करने पर धन देने का लालच दिया था ।
12. कष्ट होने पर भी मालवजी शिवाजी के पास क्यों नहीं गया ?
उत्तर : कष्ट होने पर भी मालवजी शिवाजी के पास नहीं गया क्योंकि, उसके पिताजी एक सिपाही थे । युद्ध में लडते हुए उनकी मृत्यु हो गई थी । मालवजी का मानता था कि जिस वीर सैनिक ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण दिए हो, उसके परिवार की चिंता करना शिवाजी का कर्तव्य था ।
13. मृत्युदंड़ के पहले बालक ने कौन-सी भीख माँगी ?
उत्तर : मृत्युदंड से पहले बालक ने अपनी पूजनीय माता के दर्शन करने की भीख माँगी ।
14. मालवजीने माता से मिलने के बाद लौटने का भरोसा शिवाजी को कैसे दिलाया ?
उत्तर : मालवजीने कहा मैं एक वीर पुत्र हूँ और झूठ बोलकर मृत्यु से बचना नहीं चाहता और ये प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं माता के दर्शन कर के जल्दी ही लौटूंगा ।
15. शिवाजी ने मालवजी की कौन-सी इच्छा पूरी की ?
उत्तर : शिवाजी ने मालवजी की मृत्युदंड पाने से पहले अपनी माँ के अंतिम बार दर्शन करने के लिए घर जाने देने की उसकी इच्छा पूरी की ।
16. शिवाजी मालवजी की ………………………..पर मुग्ध थे ।
उत्तर : वीरता और साहस
17. शिवाजी बालक की परीक्षा लेने के बाद क्या करना चाहते थे ?
उत्तर : शिवाजी बालक की परीक्षा लेने के बाद उसे मृत्युदंड से मुक्त करके अपनी सेना में भर्ती करना चाहते थे ।
18. शिवाजी बालक को सेना में क्यों भर्ती करना चाहते थे ?
उत्तर : बालक अपनी बातों से सत्यवादी और वीरपुत्र लगता था । उसमें वीरता फूट-फूटकर भरी थी । वह अपनी माता का भक्त था । शिवाजी उसकी वीरता को पहचान गए थे । उन्हें विश्चास हो गया कि वह बालक मातृभूमि की सेवा में कोई कसर नहीं रखेगा । उसके गुणों से प्रभावित होकर शिवाही उसे अपनी सेना में भरती करना चाहते थे ।
19. तानाजी के अनुसार दास का क्या कर्तव्य है ?
उत्तर : सेनानायक
20. तानाजी के अनुसार दास का क्या कर्तव्य है ?
उत्तर : तानानी के अनुसार स्वामी की रक्षा करना दास का कर्तव्य है ।
21. तानाजी जैसे………………….पर भारतमाता गर्व करती है ।
उत्तर : सेनानायकों
22. मुगल-सेना किसके नाम से काँपती थी ?
उत्तर : शिवाजी
23. मालवजी ने माँ को क्या नही बताया ? क्यों ?
उत्तर : मालवजी ने माँ को उसे मिलनेवाले मृत्युदंड की बात नही बताई । क्योंकि माँ को सबकुछ बताने की उसकी हिम्मत नहीं हुई ।
उत्तर : बालक यही समझता था कि उसके अपराध के लिए शिवाजी उसे मृत्युदंड अवश्य देंगे । उसकी मृत्यु के बाद उसकी माँ अकेली और बेसहारा हो जाएगी । वह किस प्रकार अपना जीवन व्यतीत करेंगी । इसलिए बालक अपनी माँ के पालन-पोषण की जिम्मेदारी शिवाजी को सौंपता है ।25. शिवाजी को किस बात कि चिंता थी ?
उत्तर : शिवाजी को रात-दिन इसी बात की चिंता रहती थी कि वे किस प्रकार भारतमाता का दु:ख दूर करें ।
उत्तर : मातृभूमि
उत्तर : मालवजी अंत में प्रतिज्ञा लेता है कि जब तक उसके शरीर में जान है, वही कभी मातृभूमि की सेवा से पीछे न हटेगा ।28. मालवजी के बारे में लिखिए ।
उत्तर : मालवजी एक वीर युवक था । उसके पिताजी शिवाजी की सेना में सिपाही थे । देश की रक्षा के लिए लड़ते-लड़ते उनकी मृत्यु हो गई थी ।
एक बार किसी सैनिक के कहने पर वह शिवाजी की हत्या करने के लिए तैयार हो गया था ।
बड़ी ही बहादुरी से अपने शिवाजी को बताया कि युद्ध में मृत्यु होनेवाले सैनिक के परिवार की रक्षा करना उनका कर्तव्य है ।
मृत्युदंड की सजा मिलने पर वह ‘‘अपनी माँ के दर्शन करके जरूर वापस आएगा’’ ऐसा वचन शिवाजी को दिया था ।
वापस आने पर अपनी माँ की रक्षा करने का वचन मालवजीने शिवाजी से लिया था ।
मालवजी की निडरता, शूरवीरता और प्रमाणिकता देखकर शिवाजीने उसे अपना सिपाही बना लिया ।29. निम्नलिखित उक्ति कौन, किसे कहता है – लिखिए :
(1) ‘‘जब तुम्हें इतना कष्ट था, तब तुम मेरे पास क्यों नहीं आये?’’
उत्तर : शिवाजी मालवजी से कहते हैं ।
उत्तर : मालवजी शिवाजी से कहता हैं ।(3) ‘‘मैं तो उसकी वीरता और साहस पर मुग्ध हूँ ।’’
उत्तर : तानाजी शिवाजी से कहते हैं ।
(4) ‘‘तुम्हारे ही जैसे सेनानायकों पर भारतमाता गर्व करती है ।’’
उत्तर : शिवाजी तानाजी से कहते हैं ।
(5) ‘‘महाराज, एक बालक आप से मिलना चाहता है ।’’
उत्तर : दरबान शिवाजी से कहता है ।
(6) ‘‘मैं तुमसे यही आशा करता हूँ ।’’
उत्तर : शिवाजी मालवजी से कहते हैं ।
(7) ‘‘महाराज यह शरीर आपका है ।’’
उत्तर : मालवजी शिवाजी से कहता है ।
30. नीचे दिए गए शब्दों से वाक्य बनाइए :
(1) दृष्टि
उत्तर : ईश्वर की सृष्टि में सब समान है ।
(2) सत्यवादी
उत्तर : राजा हरिशचंद्र सत्यवादी राजा थे ।
(3) प्रतिष्ठा
उत्तर : देश की प्रतिष्ठा को बनाए रखना हमारा कर्तव्य है ।
(4) न्योछावर
उत्तर : सैनिक देश की रक्षा के लिए प्राण भी न्यौछावर कर देते हैं ।
(5) दर्शन
उत्तर : मंदिर में दर्शन के लिए लोगों की भीड़ थी ।
(6) झूठ
उत्तर : हमें कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए ।
(7) विश्चास
उत्तर : मालिक को अपने नौकर पूर्ण विश्वास था ।
(8) मुग्ध
उत्तर : प्रदर्शनी में मूर्ति देखकर सभी मुग्ध हो गए ।
(9) चिंता
उत्तर : माता-पिता को सदा बच्चों की चिंता रहती है ।
(10) छाती
उत्तर : छोटा बच्चा अपने पिता की छाती पर बैठ गया ।
31. निम्नलिखित परिच्छेद का मातृभाषा में अनुवाद कीजिए :
पुत्र, जिस प्रकार तुम अपनी माता के दु:ख से दु:खी होकर व्याकुल हो रहे हो, इसी प्रकार मैं भी दु:खी हूँ । रात-दिन मैं इसी चिंता में रहता हूँ कि किस प्रकार भारतमाता का दु:ख दूर करूँ ।
महाराज, यह शरीर आपका है । मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि जब तक इस शरीर में जान है, मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि जब तक इस शरीर में जान है, मैं कभी मातृभूमि की सेवा से पीछे न हटूँगा ।
પુત્ર, જે રીતે તું તારી માતાના દુ:ખી થઇને વ્યાકુળ થઇ રહ્યો છે, તેવી જ રીતે હું પણ દુ:ખી છું. રાત–દિવસ હું એ જ ચિંતામાં રહું છું કે કેવી રીતે ભારતમાતાનું દુ:ખ દૂર કરું ?
મહારાજ, આ શરીર તમારું છે. હું પ્રતિજ્ઞા કરું છું કે જ્યાં સુધી શરીરમાં પ્રાણ છે, હું કદી માતૃભૂમિની સેવામાં પાછો પડીશ નહિ.
उदाहरण : छोड़कर, पसीने, अपना, बापू, लगे, काम, आटा
उत्तर : बापू अपना काम छोड़कर आटा पीसने लगे ।
उत्तर : शिवाजी उसकी और प्रेम दृष्टि से देखते रहे ।(2) बात, सत्य, है, जो, उसे, अवश्य, बता, मैं, दूँगा ।
उत्तर : जो बात सत्य है, उसे मैं अवश्य बता दूँगा ।
(3) क्या, तुम्हारे, फिर, मन, में, बात, थी ?
उत्तर : फिर तुम्हारे मन में क्या बात थी ?
(4) प्राण, न्योछावर, अपने, देश की, लिए, रक्षा के, उन्होंने, कर दिए ।
उत्तर : उन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए ।
33. निम्नलिखित वाक्यों मे से विशेषण छाँटकर उनके भेद लिखिए :
(1) परिश्रमी छात्र कभी असफल नहीं होते ।
उत्तर : परिश्रमी विशेषण-भेद : गुणवाचक विशेषण
उत्तर : बीस किलो विशेषण-भेद : परिमाणवाचक विशेषण(3) राम ने पाँच मीटर कपड़ा खरीदा ।
उत्तर : पाँच मीटर विशेषण-भेद : परिमाणवाचक विशेषण
(4) पचीस छात्रों ने सही उत्तर दिए ।
उत्तर : पचीस विशेषण-भेद : संख्यावाचक विशेषण
(5) दीपावली पर हमने बहुत मिठाई खरीदी ।
उत्तर : बहुत विशेषण-भेद : परिमाणवाचक विशेषण
(6) रेशमा के पास तीन किताबें हैं ।
उत्तर : तीन विशेषण-भेद : संख्यावाचक विशेषण
(7) कुछ लड़के बगीचे में खेल रहे हैं ।
उत्तर : कुछ विशेषण-भेद : अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
(8) माँ ने चाय में थोड़ा दूध डाला ।
उत्तर : थोड़ा विशेषण-भेद : परिमाणवाचक विशेषण
(9) वे लड़के शोर मचा रहे हैं ।
उत्तर : वे विशेषण-भेद : सार्वनामिक विशेषण
(10) आप किस आदमी की बात कर रहे हैं ?
उत्तर : किस विशेषण-भेद : सार्वनामिक विशेषण
34. निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए :
(1) कष्ट : …………….
उत्तर : दु:ख
(2) वत्स : ………………
उत्तर : बालक, बेटा
(3) दूभर : …………….
उत्तर : कठिन
(4) अगाध : …………..
उत्तर : गहरा
(5) प्रतिष्ठा : …………….
उत्तर : सम्मान
(6) दुर्ग : ……………..
उत्तर : किला
35. मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्य-प्रयोग कीजिए :
(1) प्राण न्योछावर करना
उत्तर : जीवन समर्पित करना
वाक्य : देश की आजादी के लिए कई लोगों ने प्राण न्योछावर कर दिए ।
(2) वध करना
उत्तर : हत्या करना
वाक्य : अंग्रेजो ने कई भारतीयों का वध किया था ।
(3) हिम्मत न पड़ना
उत्तर : बात न कर सकना
वाक्य : परीक्षा में कम नंबर आने पर पिताजी के सामने आने की हिम्मत न हुई ।
(4) आँखे खुलना
उत्तर : जाग जाना
वाक्य : दादाजी की आवाज सुनते ही मेरी आँखें खुल गई ।
(5) छाती से लगाना
उत्तर : प्रेम करना
वाक्य : परीक्षा में पास होने पर माँ ने पुत्र को छाती से लगा दिया ।
36. विलोम शब्द लिखिए :
(1) निर्भय ………………..
उत्तर : डरपोक
(2) हानि ……………..
उत्तर : लाभ
(3) मालिक …………..
उत्तर : नौकर
(4) दु:ख …………
उत्तर : सुख
(5) झूठ ………….
उत्तर : सच
(6) वीर ……………
उत्तर : कायर
(7) विश्चास ……………..
उत्तर : अविश्वास
(8) जीवन ………………..
उत्तर : मृत्यु
(9) आशा ………………
उत्तर : निराशा
37. ‘एक सैनिक की आत्मकथा’ विषय पर अपनी नोटबुक में निबंध लिखिए ।
उत्तर :
दोस्तो, मैं आपको अपना परिचय देता हूँ ।
मेरा नाम वीरसिंह है । मैं भारतीय सेना का एक भूतपूर्व सैनिक हूँ । मेरा जन्म 26 जनवरी को राजस्थान के एक गाँव में हुआ था । मैंने जयपुर में बारवीं कक्षा तक पढ़ाई से ज्यादा मेरी दिपचस्पी खेल-कूद और व्यायाम मैं थी । में भारतीय सेना में भर्ती होकर अपने देश की सेवा करना चाहता था ।
मेंने हाईस्कूल से ही सेना में भर्ती होने की तैयारी की हुई थी । समय बीतने पर मैं सेना में एक सिपाही बन गया । मैंने सेना में कठिन प्रशिक्षण पाया । बंदूक से अचूक निशाना लगाने में मैं प्रवीण हो गया ।
मैं सन् 1965 में लांसनायक बना । उसी वर्ष पाकिस्तान ने भारत की पश्चिमी सरहद पर हमला कर दिया । पाकिस्तान को अपने पैंटन टैंको पर बड़ा अभिमान था । मैंने अपने अचूक निशान से कुछ पैंटन टैंको को खिलौनों की तरह उड़ा दिया । पाकिस्तानी हमलावार जान बचाकर भाग गए । उस लडाई में एक गोली मेरे दाहीने पैर में लगी । अस्पताल में मेरा इलाज हुआ, पंरतु जान बचाने के लिए मेरा दाहीना पैर काटना पड़ा ।
अब मैं अपने गाँव में रहता हूँ । सरकार ने मुझे ‘वीरता चक्र’ देकर मेरा सन्मान किया था । गाँव में सभी लोक इज्जत करते है । अपना पैर कट जाने पर भी मुझे कोई दु:ख नहीं है, बल्कि बड़ा गर्व है । आनेवाले जन्म में भी में भारत माँ का वीर सपूत बनकर उसकी सेवा करने की अभिलाषा रखता हूँ ।
जय हिन्द, जय भारत ।