- यह पत्र किसे लिखा गया है ?
उत्तर : हर्ष को
- पत्र लिखनेवाले का पता क्या है ?
उत्तर :मातृछाया, ऊँची शेरी, गाँव – मेसपुरा, तहसील – भाभर, जिला – बनासकांठा
- ………………..डॉ. अब्दुल कलाम के नाम भेजा गया एक ई-मेल पढ़ा ।
उत्तर : किरण ने
- पत्र में क्या वर्णन किया है ?
उत्तर : पत्र में भारतीय नागरिकों की अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही और सरकार के प्रति शिकायती रवैए का वर्णन किया है ।
- डॉ. कलाम ने अपने संदेश की शरूआत में क्या पूछा है ?
उत्तर : डॉ.कलाम ने अपने संदेश की शरूआत में पूछा हैं, क्या आपके पास अपने देश के लिए दस मिनट का समय है ? यहि हाँ, तो इसे पढ़िए वरना मरजी आपकी ।
- लोगों को नगरपालिका से क्या शियायत रहती है ?
उत्तर : लोगों को नगरपालिका से यह शिकायत रहती है कि वह नियमित रूप से कचरा नहीं उठाती, सफाई नहीं करती ।
- दुनिया का सर्वश्रेष्ठ हवाई अड्डा कहाँ है ?
उत्तर : दुनिया का सर्वश्रेष्ठ हवाई अड्डा सिंगापुर में है ।
- ……………….में आप सड़कों पर सिगरेट का टुकड़ा नहीं फेंक सकते और स्टोर में खाते भी नहीं हैं ।
उत्तर : सिंगापुर
- आचर्ड रोड़ पर शाम के समय कार चलाने के लिऐ कितना टैक्स भुगतान करना पड़ता हैं ?
उत्तर : आचर्ड रोड़ पर शाम के समय कार चलाने के लिए तरकीबन साठ रूपपे टैक्स भुगतान करना पड़ता है ।
- रमजान के दिनों में कहाँ सार्वजनिक रूप से कुछ खा नहीं सकते हैं ?
उत्तर : दुबई
- वॉशिंगटन में आप क्या नही कर सकते हैं ?
उत्तर : वॉशिंगटन में आप 55 मील प्रति घंटा से ऊपर गाड़ी चलाने की हिमाकत नहीं कत सकते और पलटकर सिपाही से यह भी नही कहते कि जानता है मैं कौन हूँ ? मैं फलाँ हूँ और फलाँ मेरा बाप हैं ।
- सड़कों पर गंदगी के बारें में मुम्बई महानगरपालिका के आयुक्ततिनायकर का क्या कहना है ?
उत्तर : सड़कों पर गंदगी के बारे में तिनायकरजी का कहना है : अमीर लोग अपने कुत्तों को सड़कों पर घुमाने निकलते हैं और जहाँ-तहाँ गंदगी बिखेर कर आ जाते हैं और फिर वही लोग गंदगी के लिए प्रशासन पर दोष मढ़ते हैं ।
- शासन व्यवस्था के बारे में मुम्बई महानगरपालिका के आयुक्त तिनायकर का क्या कहना है ?
उत्तर : शासन व्यवस्था के बारे में डॉ.कलाम का कहना है – ‘हम सरकार चुनने के लिए वोट डालते हैं और अपनी सारी जिम्मेदारियाँ वहीं उलट आते हैं । हम सोचते है कि हमारा काम सरकार करेगी और हम फर्श पर पड़ा हुआ रद्दी कागज उठाकर कूड़ेदान में डालने की जह़मत तक नहीं उठाएँगे ।’
- समाज की ज्वलंत……………….पर भी हमारा ऐसा ही रवैया है ।
उत्तर : समस्याओं
- राष्ट्रपति ने संदेश के अंत में हमसे क्या पूछा है ?
उत्तर : राष्ट्रपति ने संदेश के अंत में पूछा है – ‘इस व्यवस्था को बदलेगा कौन ? यह व्यवस्था है किसकी ? क्या हमने अपनी आत्मा को पैसे के हाथों गिरवी रख दिया है?’
- दुसरे देशों में और हमारे देश में हम जो व्यवहार करते है, इसमें क्या अंतर है ?
उत्तर : दूसरे देशों में जाकर हम वहाँ की व्यवस्था का आदर और पालन करते हैं, जबकि अपनी व्यवस्था को अनदेखा करते हैं । वहाँ के नियमों का पालन करते हैं । कूड़ा-कचरा, सिगरेट व कागल के टूकडे जहाँ-जहाँ नहीं फेंकते और अपने देश में कागज के पुर्जे उछालते हैं ।
- दूसरे देशों में लोग स्वच्छता के प्रति कैसे जागरूक हैं ?
उत्तर : दूसरे देशों में लोग स्वच्छता को अधिक महत्व देते हैं । वे सड़कों पर थूकते नहीं हैं । कचरा नहीं फेंकते हैं । यादि पालतू जानवर गंदगी कर दें तो स्वयं उसे साफ़ करते हैं । स्वच्छता संबंधी नियमों का पालन करते हैं ।
- हमारे देश की व्यवस्था को हम कैसे सुधार सकते हैं ?
उत्तर : हमारे देश की व्यवस्था को सुधारने की जिम्मेदारी हमें स्वयं लेनी चालिए, न कि दूसरों पर डालनी चालिए । देश की अव्यवस्था से दूर न भागे, बल्कि उसे सुधारने में सरकार को मदद करें, सकारात्मक योगदान दें ।
- पत्र के अंत में किरण ने हर्ष के परिवारजनों को क्या कहा है ?
उत्तर : पत्र के अंत में किरण ने हर्ष के परिवारजनों को ‘प्रणाम’ कहा है ।
- यह पत्र किसने लिखा है ?
उत्तर : किरण ने
- हम दूसरे देशों में उनके कायदे-कानून का पालन करते हैं, लेकिन अपने देश में क्यों नहीं ?
उत्तर : क्योंकि हम अपने देश की शासन-व्यवस्था को उचित महत्त्व नहीं देते और हमारे देश में कायदे-कानून के पालन के लिए शासन भी सख्ती से काम नहीं लेता ।
- हमारे देश की स्वच्छता की जिम्मेदारी किसकी है ?
उत्तर : हमारे देश की स्वच्छता की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन मतलब ग्राम पंचायतों, नगर पालिकाओं एवं महा नगरपालिकाओं के साथ हम सबकी है ।
- हमारे देश के विकास में कौन-कौन सी समस्याएँ बाधक हैं ?
उत्तर :हमारे देश के विकास में भ्रष्टाचार, कानूनों का चूस्ती से पालन नहीं करना, अव्यवस्था के लिए सरकार को दोष देना, राष्ट्रीय कर्तव्यों के प्रति उदासीनता आदि समस्याएँ बाधक हैं ।
- देश के प्रति हमारा क्या फ़र्ज है ?
उत्तर : सबसे पहले हम यहाँ के कायदे-कानूनों का पालन करें । देश की व्यवस्था को बनाए रखें । सरकार व प्रशासन को उनके कामों में सहयोग दें । देश की व्यवस्था को ऐसा बनाए जिस पर सभी को गर्व हो । देश के प्रति ये सब हमारे फ़र्ज है ।
- शब्दों को उचित क्रम में रखकर अर्थपूर्ण वाक्य बनाइए :
(1) में – सफ़ाई – खुदाई – है ।
उत्तर : सफ़ाई में खुदाई है ।
(2) मेरा – महान – भारत ।
उत्तर : मेरा भारत महान ।
(3) लेना- और – दहेज – पाप – देना – है ।
उत्तर : दहेज लेना और देना पाप है ।
(4) आदर्श – भारत को – आओ – बनाएँ – मिलकर – राष्ट्र
उत्तर : आओ, मिलकर भारत को आदर्श राष्ट्र बनाएँ ।
102, उत्तम फ्लैट,
गाँधी मार्ग,
औरंगाबाद – 431001
प्रिय मित्र अनिल,
सप्रेम नमस्कार ।
तुम्हारा पत्र मिला । वहाँ सभी कुशल है, यह जानकर खुशी हुई । मैंने यह पत्र तुम्हारे साथ ‘आदर्श नागरिक’ के बारें में चर्चा करने के लिए लिखा है ।
आदर्श नागरिक को देश के नियमों का पालन करना चाहिए । स्थानिय कार्यालयों को उनके काम में मदद करनी चाहिए । सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी नहीं करनी चाहिए । सभी धर्म का सन्मान करना चाहिए । विपत्ति के समय लोगों की मदद करनी चाहिए । देश में शांति बननए रखनी चाहिए । यहि हम इस तरह का आचरण करें तो हम एक आदर्श नागरिक बनकर देश के विकास में योगदान दे सकते हैं । आशा करता हूँ तुम भी मेरी बातों से सहमत होगें । अपने विचार मुझे पत्र के माध्यम से अवश्य बताना । में तुम्हारे जवाब का इंतजार करूँगा ।
मेरे पिताजी अब बिलकुल स्वस्थ हैं । मेरी छोटी बहन तुम्हें बहुत याद करती है ।
अपने माता-पिता से मेरा प्रणाम कहना, छोटे भाई-बहन को मेरा प्यार ।
तुम्हारा मित्र
अ.ब.क. ।
- जीवन में सफ़ाई का महत्व समझाते हुए अपने मित्र को आपकी नोटबुक में पत्र लिखिए ।
उत्तर :
206, सौरभ एवन्यु,
इसनपुर,
अहमदाबाद – 380001
प्रिय मित्र अशोक,
सप्रेम नमस्कार ।
यहाँ सभी कुशल है । तुम्हारे वहाँ भी सभी सकुशल होगें ऐसी शुभकामनाएँ । मैं यह पत्र तुम्हें जीवन में सफ़ाई का महत्व समझाने के लिए लिख रहा हूँ ।
स्वच्छता एक अच्छी आदत है जिसे हर किसी को स्वस्थ जीवन में अपनाना चाहिए । हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीजी ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ नामक एक स्वच्छता अभियान शुरू किया है । स्वच्छता की जिम्मेदारी केवल हमारे प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इस धरती पर रहनेवाले हर व्यक्ति की है । हम सभी को स्वस्थ जीवन के लिए इस अभियान कार्यक्रम का साथ देना चाहिए ।
पूरे भारत में स्वच्छ भारत को बनाने के पीछे हर विद्यालय, कोलेज, परिवार, समाज, समुदाय, कार्यालय, संगठन और देश स्तर पर सफाई शुरू की जानी चाहिए । हमें अपने आप को, घर, आसपास के क्षेत्रों, समाज, समुदाय, शहर, उद्यान और पर्यावरण को दैनिक साफ करने की जरूरत है । स्वच्छता है वहाँ प्रभूता है । हम बदलेगें तो घर और समाज बदलेगा ।
आशा है कि तुम्हें मेरी बात आसानी से समझ आई होगी । अंत: अब से तुम भी अपने जीवन में इस अभियान को लागू कर दो ताकि तुमको देखकर बाकि लोग भी तुमसे कुछ सीखे ।
अपने माता-पिता को मेरा प्रणाम । छोटे भाई-बहन को मेरा प्पार ।
तुम्हारा मित्र,
कृणाल ।
- निम्नलिखित वाक्यों के काल पहचानिए :
(1) मैं क्रिकेट खेलता हूँ ।
उत्तर : वर्तमानकाल
(2) मै कल अंबाजी गया था ।
उत्तर : भूतकाल
(3) कोई गाना गा रहा है ।
उत्तर : वर्तमानकाल
(4) आज ठंड ज्यादा होगी ।
उत्तर : भविष्यकाल
(5) कल हम स्कूल से प्रवास जा रहे हैं ।
उत्तर : अपूर्ण वर्तमानकाल
(6) परसों कश्मीर में हिम वर्षा हुई ।
उत्तर : भूतकाल
- काल-परिवर्तन कीजिए :
(1) मैं बाज़ार गया । (भविष्यकाल )
उत्तर : मैं बाजार जाऊँगा ।
(2) मंदिर में पूजा होगी । (भूतकाल)
उत्तर : मंदिर में पूजा हुई ।
(3) सिमला में हिम वर्षा हुई । (भविष्यकाल)
उत्तर : सिमला में हिम वर्षा होगी ।
(4) मैंने पढ़ाई की । (वर्तमानकाल)
उत्तर : मैं पढ़ाई कर रहा हूँ ।
- समानार्थी शब्द लिखिए :
(1) मंजिल : ……………..
उत्तर : लक्ष्य
(2) रवैया : …………
उत्तर : परिवाटी
(3) रशक : …………
उत्तर : ईर्षा
(4) मिसाल : …………..
उत्तर : उदाहरण
(5) अंश : ………………
उत्तर : हिस्सा
(6) हिमाकत : ……………
उत्तर : मुर्खता
- विलोम शब्द लिखिए :
(1) देश ✖ ………………….
उत्तर : विदेश
(2) सार्वजनिक ✖ ………………….
उत्तर : निजी
(3) धरती ✖………………….
उत्तर : आकाश
(4) निर्धारित ✖ ………………….
उत्तर : आधारित
(5) योग्यता✖………………….
उत्तर : अयोग्यता
(6) प्रशंसा ✖………………….
उत्तर : निंदा
(7) व्यवस्था ✖ ………………….
उत्तर : अव्यवस्था
(8) सकारात्मक✖ ………………….
उत्तर : नकारात्मक
(9) शरूआत ✖ ………………….
उत्तर : अंत
- ‘‘आदर्श नागरिक’’ पर निबंध अपनी नोटबुक में लिखिए ।
उत्तर : किसी भी राष्ट्र की उन्नति तभी संभल है जब उसके आर्दशवादी होंगे । अच्छे नागरिक ही अच्छे समाज का निर्माण कर सकते हैं और अच्छे समाज से ही अच्छा राष्ट्र बन सकता है । बच्चों में इस तरह के संस्कार दिए जाए क्योंकि बड़े होकर एक आदर्श नागरिक बने और अपने कँधो पर अपने देश की जिम्मेदारियाँ का बोझ उठा सकें, क्योंकि जब तक व्यक्तियों में आदर्श गुण नहीं होगें तो किसी भी कार्य को पूर्ण करने में सक्षम नहीं हो सकते ।
जिस व्यक्ति के जैसे संस्कार होगें वह वैसा ही कार्य करता है । इसलिए बच्चों में अच्छे संस्कार भरने चाहिए ताकि जब बड़े हो तो एक आदर्श नागरिक बन सकें । बच्चों को पढ़ाई के ज्ञान के साथ साथ व्यवहारिक ज्ञान भी देना चाहिए तथा उन्हे महापुरुषों और महात्माओं के महान कार्यों को भी बताते रहना चाहिए । एक आदर्श व्यक्ति का जीवन सिर्फ अपने लिए नहीं होता, वह दूसरों की भलाई के लिए सदैव तत्पर रहता है । उसकी दृष्टि में राष्ट्र सर्वोपरि होता है ।
एक आदर्श व्यक्ति कभी भी गलत रास्ते पर नहीं जाता है । उसका हर कार्य धर्म के अनुसार होता है । उसका व्यवहार सदैव अच्छा होता है । वह बड़ो का सन्मान करता है तथा उसके हृदय में देश प्रेम होता है ।
आज देश को अच्छे आदर्श नागरिकों की जरूरत है । आज हर जगह भ्रष्टाचार फैल रहा है, चाहे राजनीति का क्षेत्र हो, चाहे प्रशासनिक क्षेत्र हो, हर व्यक्ति अपने स्तर से गिर रहा है । राष्ट्र के विकास के लिए आदर्श नागरिकों का होना बहुत ही आवश्यक है । इसकी शरूआत सबसे पहले अपने आप से होती है ।
चलो, हम सब मिलकर आदर्श नागरिक बनने का निश्चिय करेम और अपने देश के विकास में अपना योगदान दे ।